Wednesday, September 26, 2007

बहुत कुछ दे जायेंगे

ना कुछ लाये थे
ना कुछ ले जायेगे
कहते हैं कई लोग.
सच है यह बात क्योंकि
अधिकतर लोग
सिर्फ जायेंगे लोगों, चीजों,
एवं अहं को छोड कर

लेकिन बहुत कुछ
ले जायेंगे एवं,
बहुत कुछ दे जायेंगे
चंद महान लोग.

इस अंतर का कारण है
उनका अहं.
पहले का अहं बनाता
है उसे स्वार्थी, पर
दूसरे का बनाता है उसे,
सबका सेवक.

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1 comment:

Anonymous said...

you have again made a poem from the comment you post on my blog in response to my poem "एक ना "
thank you for taking my poems so seriously