Thursday, September 20, 2007

आंग्लभारती देवी

साहित्य सभा के
वार्षिक आयोजन में
बोली श्रीमती आंग्लभारती देवी,
काहे को मिलान करते हो आप लोग
कथनी और करनी को.

मिलाने से क्या रात
हुआ है क्या कभी
दिन,
या श्याम हुआ है क्या कभी
श्वेत.

हिन्दी हमारी कथनी है
तो आंग्ल भासा
हमारी करनी है.
इसमें दोस तो
हिन्दी भासा का है.
क्यों टोकते हो खामोखा
इंगलिस भासा को!

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