की है विधाता ने
हम सब की रचना,
एक दूसरे की मदद के लिये.
प्रेम करो
अपने पडोसी से अपने
समान,
एवं वसुधैव कुटुंबकम
है भारतीयों के मान.
आभार है आप सबका
जो जुटेंगे
प्रार्थना में इस कमजोर
बालक के लिये.
सूचना दें आप सब भी
अपनी जरूरतों का,
ताकि प्रार्थना में
जोड सकूं हाथ,
कल मैं आप के लिये भी.
[आप सब ब्लोगर मित्रों से निवेदन हैं की बच्चे के सफल ऑपरेशन की कामना करे का प्रत्युत्तर]
[कृपया मेरे लेखों को पढने के लिये मेरे मुख्य चिट्ठा सारथी पर पधारे] | चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: विश्लेषण, आलोचना, सहीगलत, निरीक्षण, परीक्षण, सत्य-असत्य, विमर्श, हिन्दी, हिन्दुस्तान, भारत, शास्त्री, शास्त्री-फिलिप, सारथी, वीडियो, मुफ्त-वीडियो, ऑडियो, मुफ्त-आडियो, हिन्दी-पॉडकास्ट, पाडकास्ट, analysis, critique, assessment, evaluation, morality, right-wrong, ethics, hindi, india, free, hindi-video, hindi-audio, hindi-podcast, podcast, Shastri, Shastri-Philip, JC-Philip,
1 comment:
Shastriji phir ekbar dhanyawad!Aapke blogme aake harbar kuchh na kuchh padhke jaatee hun aur bada achha lagta hai.
Lekhanmekee ghaltiyan sudharneki koshish kar rahee hu lekin curser atak jata hai!
Mere parichayke neeche e-mail ID hai...jispe aap e-mail bhej sakte hai..."shamakavya@gmail.com"
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