Thursday, December 13, 2007

सच्ची सेवा देश की !

डॉ दयापति बोले
जज से,
झूठा आरोप लगाया गया है
हम पर,
न्यायमूर्ति जी.

पहले को मुद्रा,
और दूसरे को किडनी
कर प्रदान,
“जीवनदान” करते हैं हम
दोनो को.

खतम नहीं होती
समाजसेवा हमारी यहां.
पलते हैं परिवार कई
इस नर्सिंग होम की मार्फत.

कर देंगे बन्द जेल में
हम को,
तो मर जायेंगे बहुत से
गरीब किडनी-धारी,
अमीर एवं किडनी-याचक.

सच्ची सेवा देश की
होगी श्रीमान,
यदि छोड देंगे तुरंत
हम को बिन दण्ड.

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1 comment:

राजीव तनेजा said...

बहुत खूब....अच्छा कटाक्ष...